Sunday, June 1, 2014

इन्‍होंने मौका देखकर मारा चौका


कहते हैं, राजनीति में वही सफल है जो मौका देखकर चौका मार दे. पूरे देश में कश्‍मीर से कन्‍याकुमारी तक लोकसभा चुनावों के पहले नरेंद्र मोदी की लहर चल रही थी जो बाद में सुनामी में बदल गई. इस लहर के साथ कई बड़े बडे़ आए और मोदी के रथ में सवार हो लिए. इनमें तो कई ऐसे रहे, जिनका एनडीए से छत्‍तीस का आंकड़ा रहा लेकिन हवा देख उन्‍होंने बत्‍तीसी निकाल मोदी का दामन थाम लिया. आइए नजर डालते हैं ऐसे दिग्‍गजों पर जिन्‍होंने चुनाव के पहले तो कंधे पर भगवा झंडा उठाया और चुनाव बाद उठा लिया मंत्रालय का बोझ...

उपेंद्र कुशवाहा
बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोगी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने (पार्टी राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी...आरएलएसपी) चुनाव पूर्व बीजेपी नीत एनडीए का दामन थामकर नहले पर दहला मार दिया. यह फैसला इनके लिए रंग लाया और 26 मई, दिन सोमवार को मोदी के मंत्रिमंडल में बतौर राज्‍यमंत्री अपने लिए सीट रिजर्व करा ली.

रामविलास पासवान लंबे समय से लालू यादव की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ कदमताल करने वाले लोक जनशक्ति पार्टी नेता राम विलास पासवान ने चुनाव के पहले इनसे छिटककर बीजेपी का हाथ थाम लिया. चुनावों के ऐन पहले बीजेपी के साथ जुड़ना इनका फायदेमंद रहा और इनका भी 26 मई को हो गया राजतिलक. पासवान को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया.

राव इंद्रजीत सिंह रॉबर्ट वाड्रा के भूमि सौदों की जांच की मांग कर सुर्खियों में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री व गुड़गांव से कांग्रेस सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी गुड़ खाने के लिए महाचुनाव से पहले कमल के साथ हो लिए थे. उन्‍हें पता था कि इस बार हाथ साफ हो जाएगा, इसलिए समय पहले ही वो चेत गए और उस समय की उनकी चेतना सोमवार शाम उनके लिए वरदान बनकर आई. जब वो राज्‍य मंत्री बन सरकार में शामिल हो गए.
26 मई को आजतक में पब्लिश पोस्ट...देखें...इन्‍होंने मौका देखकर मारा चौका

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