जब किस्मत अपने रंग दिखाती है तो बुझने वाले दीए भी जल उठते हैं. लोकसभा चुनावों में लाख के अंतर से हारने वाले नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में छा गए. या फिर यूं कहें कि लोकसभा चुनावों के लूजर्स, नमो मंत्रिमंडल में सबसे बड़े गेनर रहे.
यहां बात हो रही है मोदी की 'छोटी बहन' और अमेठी से कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी से चुनावों में मुंह की खाईं स्मृति ईरानी और अमृतसर से कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह से चुनावों में हारे पार्टी के कद्दावर नेता अरुण जेटली की. बीजेपी की 'तुलसी' राहुल गांधी से तकरीबन 1,07,903 वोटों से चुनाव हारी थीं, लेकिन उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय देकर यह बता दिया गया है कि कुछ भी हो मजबूत आदमी का साथ है तो मजबूत विभाग भी उनके ही खाते में जाएगा.
ऐसे ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह से 1,02,770 मतों के अंतर से हारे बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली को भी हारने का बेहतरीन अवॉर्ड मिला है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और अपने विश्वसनीय सहयोगी अरुण जेटली को मोदी ने वित्त मंत्रालय जैसा विभाग देकर यह जता दिया कि हार जीत कोई मायने नहीं रखती. मालूम हो कि जेटली पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरे थे, लेकिन पंजाब में अकाली दल-बीजेपी गठबंधन की सरकार होने के बावजूद मिली हार इनके लिए चांदी साबित हुई.
26 मई को आजतक में पब्लिश पोस्ट...देखें...लाख से हारने वाले जेटली, स्मृति की चांदी
1 comment:
very interesting article
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