Friday, October 3, 2008

ख़ुद ही न कर लें मिस्टर टेन परसेंट बेडा गर्क

मार्क ट्वैन ने सच ही कहा है कि मनुष्य बुलंदी या फिर यूँ कह ले कि समृधि के शिखर पर परमेश्वर के आशीर्वाद से पहुँचता है और अपनी दुर्गति के लिए वह ख़ुद ही जिम्मेवार होता है। ऐसा ही कुछ अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के सर्वोच्च पद पर हाल में आसीन हुए व्यक्ति के साथ देखने को मिल रहा है। और जो अभी तक नही हुआ वो आने वाले समय में हो ही जाएगा।
यहाँ बात हाल में पाक राष्ट्रपति का पद पाने वाले आसिफ अली जरदारी की हो रही है। मालूम हो की जरदारी कुछ समय पहले बम विस्फोट में मारी गयी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेत्री बेनजीर भुट्टो के ही पति हैं। यदि जरदारी का इतिहास खंगाला जाए तो....कुछ भी ऐसा नही मिलता है......जिसके बलबूते पाकिस्तान की अवाम अपने इस नए-नवेले राष्ट्रपति पर नाज कर सके। उल्टा इसके लिए उसे अपना सर शर्म से झुकाना पड़
सकता है। पाकिस्तान की अवाम और सियासी गलियारों में मिस्टर टेन परसेंट के नाम से जाने जाने वाले मियां जरदारी कितनी हद तक पाकिस्तान को आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कर पाएंगे......ये तो अल्लाह ही जाने। मिस्टर टेन परसेंट के उपनाम से इन्हे इसीलिए जाना जाने लगा क्योंकि इनका नाम किसी भी सौदे में कम से कम दस फीसद दलाली खाने वालों की सूची में अव्वल था। अब आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं की इस समय आपका पड़ोसी मुल्क किसके हांथो में हैं। बागडोर सम्हालते ही इनकी कश्मीर को लेकर की गयी टिप्पडी को भी भारत के हित में देखना उचित नही होगा। बहरहाल अब भारत को कश्मीर मामले पर फूँक-फूँक कर कदम रखने होंगे।
जैसे हालात इस समय पाक में हैं....उन्हें देखकर तो ऐसा नही लगता की पाक की असली आवाम इनकी हरकतों को पसंद करती हो। हाल में तो अपने नवेले राष्ट्रपति की दीवानगी के ख़िलाफ़ अंदरखाते पाक की हुकूमत चला रही लाल मस्जिद ने फतवा ही निकाल दिया। मालूम हो की अपनी विदेश यात्रा के दौरान जरदारी ने अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी से उपराष्ट्रपति की उम्मीदवार सारा पालिन की सुन्दरता में इतने कसीदे पढ़ दिए की उनको इसके लिए चारो और आलोचना झेलनी पड़ी। जरदारी को कहाँ इसका अंदाजा था की सर मुंडाते ही ओले पड़ जायेंगे। शायद हो सकता हो की उनके इस कसीदे के पीछे कुछ राजनैतिक कारन भी रहे हो, लेकिन इस बात पर भी कोई संदेह नही होना चाहिए की यह सब उनकी कुर्सी और उसकी गरिमा के अनुरूप नही था।
बात शीशे की तरह साफ़ है की जितने मुश्किलात का सामना भारत को पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ के दिनों में नही करना पड़ा है, उतने ही मुश्किलातों से अब दो चार होने के लिए शांतिप्रिय भारत को अपनी कमर कस लेनी चाहिए।

4 comments:

Anonymous said...

आपका लेख पढ़कर हम और अन्य ब्लॉगर्स बार-बार तारीफ़ करना चाहेंगे पर ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
और भी खेल-तमाशे सीखें सिर्फ़ 'ब्लॉग्स पण्डित' पर.

Manoj Kalra said...

Apka swagat hai, bahut hi badhiya. Bharat sarkaar ko har mushkil ghadi ke liye taiyar rahna chahiye.

Udan Tashtari said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

प्रदीप मानोरिया said...

हिन्दी चिटठा जगत में आपका स्वागत है निरंतरता की चाहत है मेरा आमंत्रण स्वीकारें मेरे चिट्ठे पर भी पधारे
ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.